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⭐ The Return of Tiger
Episode 671 – “वापसी की गूँज”
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🌑 अंधेरी गुफा में सन्नाटा
नीली अग्नि अब शांत हो चुकी थी।
गुफा की दीवारें राख से ढकी थीं।
अर्जुन वहीं ज़मीन पर बैठा था, उसकी आँखें नम थीं।
"टाइगर… तूने धरती को बचा लिया, लेकिन अपनी जान देकर।"
उसके शब्द गूँजकर वापस लौट आए, मानो गुफा भी उसकी पीड़ा को दोहरा रही हो।
भेड़िया और चीता की आत्माएँ पहले ही बलिदान दे चुकी थीं।
अब अर्जुन अकेला रह गया था।
लेकिन तभी, राख के ढेर से एक हल्की सी गूँज उठी –
"गुर्र्र… मैं अभी खत्म नहीं हुआ हूँ…"
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🌟 आत्मा का रूप
अर्जुन ने चौककर देखा।
राख के बीच से सुनहरी रोशनी निकलने लगी।
वो रोशनी धीरे-धीरे एक आकृति का रूप लेने लगी।
वो टाइगर की आत्मा थी।
उसकी आँखें अब भी चमक रही थीं, लेकिन उसका शरीर नहीं था – सिर्फ़ ऊर्जा का रूप।
अर्जुन की आँखें भर आईं।
"टाइगर! तू ज़िंदा है?"
टाइगर ने गंभीर आवाज़ में कहा –
"शरीर तो अग्नि में जल चुका है… लेकिन मेरी आत्मा अब भी इस धरती से जुड़ी है।
जब तक नरकंधर की आत्मा पूरी तरह नष्ट नहीं होती, मुझे भी शांति नहीं मिलेगी।"
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🌌 नई समस्या
अर्जुन ने हैरानी से पूछा –
"लेकिन हमने उसे नीली अग्नि में कैद कर दिया था, है ना?"
टाइगर ने सिर झुकाकर कहा –
"हाँ, उसका बड़ा हिस्सा कैद हुआ है… लेकिन एक टुकड़ा बच निकला है।
वो टुकड़ा अब किसी इंसान की देह ढूँढ रहा है, जिसमें छिपकर वो और भी ताक़तवर हो सके।"
अर्जुन का दिल काँप गया।
"मतलब नरकंधर वापस आ सकता है?"
टाइगर ने धीमी गुर्राहट के साथ कहा –
"हाँ… और इस बार, वो सिर्फ दानव नहीं होगा।
वो आधा इंसान, आधा दैत्य बन जाएगा।"
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🏞️ गाँव की ओर सफ़र
दोनों गुफा से बाहर निकले।
बाहर की हवा ठंडी थी, लेकिन आसमान अब भी लालिमा से भरा था।
नीचे घाटी में इंसानी बस्तियाँ दिखाई दे रही थीं।
अर्जुन ने कहा –
"अगर नरकंधर की आत्मा किसी इंसान में समा गई… तो वो इंसान पूरे गाँव को बर्बाद कर सकता है।"
टाइगर ने आत्मा रूप में चलते हुए कहा –
"हमें जल्द से जल्द उस इंसान को ढूँढना होगा।
वरना पूरी दुनिया फिर से अंधकार में डूब जाएगी।"
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👥 रहस्यमय गाँव
अर्जुन और टाइगर आत्मा एक छोटे गाँव पहुँचे।
गाँववाले डर के साये में जी रहे थे।
रात होते ही बच्चों की चीखें गूँजतीं, जानवर गायब हो जाते, और आसमान में परछाइयाँ घूमतीं।
गाँव की बुज़ुर्ग महिला ने अर्जुन को देखा और बोली –
"तुम वही हो ना, जिसने दानव से लड़ा था?
सुनो, हमारे गाँव में एक आदमी है जो अचानक बदल गया है।
उसकी आँखें लाल हो गई हैं, और उसकी परछाई अलग चलती है।"
अर्जुन और टाइगर ने एक-दूसरे को देखा।
"यही होगा नरकंधर का नया मेज़बान!"
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🩸 नया मेज़बान
रात का समय।
गाँव के बीच एक आदमी खड़ा था – नाम था रघुनाथ।
वो पहले शांत किसान था, लेकिन अब उसकी चाल अलग थी।
उसकी आँखों से काली चमक निकल रही थी।
अचानक उसने आसमान की ओर देखा और ज़ोर से चिल्लाया।
गाँव की दीवारें हिलने लगीं।
लोग डरकर भागने लगे।
टाइगर ने गुर्राते हुए कहा –
"नरकंधर… तू सच में इंसान के शरीर में समा गया है!"
रघुनाथ की आवाज़ गहरी हो गई –
"हाँ टाइगर… अब मैं सिर्फ आत्मा नहीं रहा।
अब मैं इंसान के खून और दैत्य की शक्ति का मेल हूँ।
तुम मुझे रोक भी दो… तो इंसानों के बीच मेरी परछाई हमेशा जीवित रहेगी।"
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⚔️ टकराव की शुरुआत
अर्जुन ने मंत्र पढ़ा और सुरक्षा चक्र बनाया।
लेकिन रघुनाथ/नरकंधर ने एक ही वार से चक्र तोड़ दिया।
टाइगर ने आत्मा रूप में छलाँग लगाई और उस पर हमला किया।
दोनों के बीच रोशनी और अंधकार की जंग शुरू हो गई।
गाँव के घर ढहने लगे, बच्चे रोने लगे।
अर्जुन चिल्लाया –
"टाइगर! अगर तू इस बार हार गया, तो पूरा गाँव नरकंधर का क़ैदी बन जाएगा!"
टाइगर ने दहाड़ लगाई –
"मैं हारने के लिए नहीं लौटा… मैं लौटा हूँ अधूरी लड़ाई खत्म करने!"
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🌠 क्लिफहैंगर
लड़ाई इतनी भयानक थी कि पूरा गाँव जलने लगा।
टाइगर और नरकंधर/रघुनाथ दोनों हवा में टकरा रहे थे।
अचानक नरकंधर ने इंसानी चाल चली –
उसने एक छोटे बच्चे को पकड़ लिया और कहा –
"अगर तुझे सच में हीरो बनना है, तो पहले इस बच्चे को बचा।
वरना इसकी जान जाएगी!"
टाइगर रुक गया।
उसके दिल में दहाड़ और करुणा दोनों थी।
क्या वो बच्चे को बचाएगा, या नरकंधर को खत्म करने का मौक़ा खो देगा?
Episode 671 यहीं ख़त्म होता है –
जहाँ टाइगर और नरकंधर की जंग इंसानियत की असली परीक्षा बन जाती है।
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