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Ch 3 - दुल्हिन से मिलने का समय हो गया है
एक कमरे के अंदर एक युवा लड़का शादी के विशेष कपड़े पहने हुए बैठा था उसके कपड़ों पर विशेष तरह की कारीगरी की गई थी। पिछली रात उसके दादाजी और उसकी छोटी चाची ने उसके लिए इन कपडो की व्यवस्था की थी।
अचानक, कमरे का दरवाजा खुला और एक आकृति तेजी से अंदर आई। अथर्व उसे देखकर तुरंत खड़ा हुआ और मुस्कराया, "छोटी चाची क्या दादाजी वापस आ गये हैं?"
सारिका, हरीन की बेटी थी जो कि अथर्व की बुआ लगती थी लेकिन अथर्व उसे बचपन से ही छोटी चाची कहता था। और वो इस साल केवल 15 साल की हुई थी जो कि अथर्व से एक साल छोटी थी। वह अभी भी काफी छोटी थी लेकिन उसकी सुंदरता पहले से ही मनमोहक थी। उसकी गहन शक्ति प्राथमिक गहन क्षेत्र के 6वें स्तर पर थी, भले ही तुलना करने पर वो आर्या के बराबर नहीं थी, लेकिन यह उतना भी बुरा नहीं था क्योंकि वह चुरू कबीले की एक महत्वपूर्ण प्रतिभा थी और उसे बहुत सम्मान दिया जाता था।
"ओह, आखिरकार तुम जाग ही गए।"
हरीन के कमरे में प्रवेश करते ही एक आवाज अथर्व के कानों में पड़ी, उनके पीछे उनके हाउस कीपर हुण्डा और तियान सिटी के नंबर एक डाक्टर, डाक्टर सीटू भी थे।
"चलो अच्छा है कि आप जाग गये और देखने में स्वस्थ्य भी दिख रहे हैं लेकिन डाक्टर सीटू को आपकी जांच करने दीजिए। आज आपकी शादी का दिन है और हम थोड़ी सी भी गलती नहीं कर सकते हैं। डाक्टर सीटू कृप्या आगें बढ़े।" हरीन ने कहा और फिर वे एक ओर हट गये।
डाॅक्टर सीटू ने अपनी दवा की पेटी मेज पर रखी और अथर्व के सामने बैठ गये, और उन्होंने अपने हाथ से अथर्व की नाड़ी चेक की। थोड़ी देर बाद उसने अथर्व की नाड़ी से अपना हाथ हटा लिया।
"डाॅक्टर सीटू, अथर्व की हालत कैसी है? क्या कोई गम्भीर समस्या है?" सारिका ने चिंतित होकर पूछा इस समय उसके चेहरे पर घबराहट साफ देखी जा सकती थी। यही सवाल हरीन के चेहरे पर भी था वो इस समय वे डाॅक्टर सीटू को ही देख रहे थे।
डाक्टर सीटू का चेहरा धीरे धीरे चमक उठा और मुस्कराहट में बदल गया,
"बुजुर्ग हरीन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, आपके पोते की शारीरिक स्थिति बिल्कुल ठीक है। उन्हें कोई बड़ी बीमारी तो ठीक, कोई मामूली सर्दी तक नहीं है। शायद आपका पोता अत्याधिक उत्साह के कारण बेहोश हो गया था। आखिरकार आपका पोता उरू कबीले की बेटी से शादी कर रहा है जो शहर की नंबर एक सुंदरी है। हा हा हा।"
इस बात का अफसोस डाॅक्टर सीटू को भी था, हांलाकिं उन्होंने इसे छुपाने की काफी कोशिश की थी लेकिन उनके शब्दों से उनका अफसोस जाहिर हो गया। एक प्रतिभाशाली महिला का एक ऐसे निकम्मे से विवाह करना जिसका कोई भविष्य नहीं है, किसी के लिए भी इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल था।
"यह ठीक है", डाॅक्टर सीटू ने अपना हाथ हिलाते हुए उत्तर दिया और अपनी पेटी उठाकर कहा,
"चूकि आपका पोता ठीक है इसलिए अब में विदा लूंगा। तियान सिटी की सबसे प्रतिभाशाली पोता-बहू मिलने पर बुजुर्ग हरीन को बधाई। मैं नहीं जानता कि इस समय कितने लोग आपसे ईर्ष्या कर रहे होंगे। हा हा हा।" डाक्टर सीटू जोर से हंसा और फिर उसने अपने कदम दरवाजे की ओर बढ़ा दिये।
तभी हरीन ने कहा.
"तुम्हें शादी में शराब पीने के लिए आना है याद रखना।"
" हां मैं जरूर आंउगा।" डाक्टर सीटू ने कहा। उसके बाद हरीन ने हुण्डा की ओर देखकर कहा, "हुण्डा, जाओ डाॅक्टर सीटू को बाहर तक छोड़कर आओ।"
"क्या तुम सचमुच ठीक हो? क्या तुम्हें कहीं भी असहज महसूस हो रहा है?" डाॅक्टर सीटू के जाने के बाद हरीन ने अर्थ से पूछा। वो अभी भी चिंतित थे और सोच में डूबे हुए थे जब अथर्व अचानक से बेहोश हो गया था उसका तापमान गिर गया, और उसकी जीवन शक्ति कम हो गई। यह सिर्फ अति उत्साहित का नतीजा नहीं हो सकता। अथर्व की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वो वास्तव में ठीक लग रहा था, लेकिन हरीन अभी भी दिल में उस छोटे से संदेह को दूर नहीं कर सका।
:मैं सचमुच ठीक हूं दादाजी, आप निश्चिंत रहें।" अथर्व ने सहजता से कहा। फिर जैसे ही उसने हरीन की ओर देखा तो अचानक ही उसके चेहरे पर खटास आ गई और उसे सफेद बालों से भरे सिर के साथ एक चिंतित चेहरा दिखाई दिया।
चुरू कबीले में पांच बुजुर्ग थे और हालांकि हरीन पांचवा बुजुर्ग था, लेकिन वह कबीले में सबसे मजबूत व्यक्ति था। पांच साल पहले उसने ‘आत्मा गहन क्षेत्रा’ के दसवें स्तर में कदम रखा था और वह अब उसके शिखर पर था और उसके पास पृथ्वी गहन क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर था, यह एक ऐसा स्तर था जिसका अनगिनत लोगों ने सपना देखा था।
वो अभी 55 साल के ही थे लेकिन उनके सभी बाल पहले ही सफेद हो गये थे। अथर्व जब भी उनके सफेद बालों को देखता तो उसका दिल कड़वाहट से भर जाता था।
तियान सिटी के सभी लोगों को पता था कि हरीन के मध्य आयु में ही बाल सफेद क्यों हो गये थे। उनके इकलौते बेटे, और अथर्व के पिता अधीर को तियान सिटी का नम्बर एक जीनियस कहा जाता था। सत्रह साल की उम्र में उन्होंने नवजात गहन क्षेत्र में प्रवेश कर लिया था। बीस साल की उम्र में वह नवजात गहन क्षेत्र के 5 वें स्तर पर पहुंच गये थे। तेईस साल की उम्र में उन्होंन नवजात गहन क्षेत्र को तोड़ दिया और तियान सिटी के सभी लोंगों को चौकाते हुए सच्चे गहन क्षेत्र में प्रवेश किया। साधना की यह गति पूरे तियान सिटी में वाकई लाजबाब मानी जा सकती थी। वे पूरे चुरू कबीले के गौरव बन गये थे। लगभग सभी का मानना था कि जब वे अधेड़ उम्र के हो जायेंगे तो वे कबीले के अगले लीडर के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार होंगे।
लेकिन दुर्भाग्य से और शायद इसलिए कि भवगवान प्रतिभाशाली लोंगों से ईर्ष्या करते थे, अथर्व के जन्म के एक महीने बाद ही अधीर की हत्या का प्रयास किया गया। उसके कुछ दिन पहले उन्होंने उरू कबीले की बेटी की भी जान बचाई थी जिसमें वो गम्भीर रूप से घायल हो गये थे। इस कारण अपनी आधी ताकत के साथ ही उनहोंने हत्यारों का मुकाबला किया और उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। अपने प्यार को खोने के गम में कुछ समय बाद ही उनकी पत्नि का दिल टूट गया और वो भी उनसे मिलने चली गई। अपने बेटे को खोने के भारी सदमें के कारण हरीन के बाल रातों रात सफेद हो गये। नौ महीने बाद सारिका का जन्म हुआ। उसकी मां को भी अपने इकलौते बेटे को खोने का कष्ट सहना पड़ा और एक महीने बाद इसी दुख में उनकी भी मृत्यु हो गई।
कोई नहीं जानता था कि हरीन ने अपने बेटे, बहू और पत्नि के निधन के बाद वर्षों तक अपना जीवन कैसे बिताया। उनके सफेद बालों में अथाह पीड़ा, घृणा और अवर्णनीय दुःख समाहित था।
आज तक वे अपने बेटे के हत्यारों का पता नहीं लगा सके।
बाद में उन्होंने अपनी सारी इच्छायें और आशायें अथर्व पर डाल दी लेकिन उसके क्षतिग्रस्त मिस्टिक वेन्स के साथ पैदा होने का एक और क्रूर सत्य उनके उपर बिजली की तरह गिरा।
हालांकि, अपने निराश पोते का सामना करते हुए हरीन ने कभी भी निराशा या रोष को कोई संकेत नहीं दिखाया। उनकी नजरों में क्षतिग्रस्त नसों के साथ पैंदा होने का मतलब था कि उनका भाग्य ही खराब था। और इस तरह के अन्याय के कारण उनकी निंदा नहीं की जानी चाहिए। उसे अथर्व के प्रति उदासीन नहीं होना चाहिए या उसका उपहास नहीं करना चाहिए, बल्कि इसकी भरपाई के लिए उससे और अधिक प्यार करना चाहिए। वर्षों से, वह हमेशा क्षतिग्रस्त मिस्टिक वेन्स की मरम्मत के लिए किसी भी संभावित तरीके की तलाश कर रहे थे। लेकिन मिस्टिक वेन्स किसी की गहन शक्ति की जीवन रेखा थीं, और इन्हें इतनी आसानी से कैसे ठीक किया जा सकता है?
हालांकि अथर्व को दूसरों द्वारा नजरअंदाज किया गया था और बड़े होने के दौरान दूसरों की उपहास भरी नजरों का सामना करना पड़ा था। फिर भी वह ऐसे दादा को पाकर खुद को भाग्यशाली महसूस करता था।
हरीन के सफेद बालों को देखकर, अथर्व की आंखे धीरे धीरे तेज हो गई और उसने म नही मन कहा, चूंकि ईश्वर ने मुझे यह दूसरा मौका दिया और मुझे अपनी दोनों यादें रखने दीं, इसलिए मुझे कढ़ी साधना करनी होगी! क्या हुआ अगर मेरी मिस्टिक वेन्स टूटीं हुई हैं! मैं एक चिकित्सा संत का उत्तराधिकारी हूं; जब तक मुझे सही जड़ी बूटिंयां मिलती हैं, तो तीन सप्ताह की छोटी अवधि में मैं अपनी मिस्टिक वेन्स को पूरी तरह सामान्य स्थिति में वापस ला सकता हूं।
"आप ठीक हैं, यह सुनना अद्भुद है।" उसे ठीक देखकर हरीन को अंततः एक राहत महसूस हुई वो चमकते हुए आकाश की ओर देखते हुए बोला;
"ठीक है अब तुम तैयारी करो, जब तक मैं शादी की बारात की तैयारी करता हूं। अच्छा एक बात और, तुम घुड़सवारी करना चाहोगे या फिर गाड़ी में बैठना चाहते हो?"
यदि वो कल का अथर्व होता तो वो निश्चित रूप से ही गाड़ी का ही उत्तर देता। हालांकि वह एक बुजुर्ग का एकमात्र पोता था, उस दर्जे के बिना उसे बेकार कहा जा सकता था, क्योंकि उसमें और आर्या में जमीन आसमान का अंतर था। उरू कबीले के लिए अपनी दुल्हन की राह पर इसमें कोई संदेह नहीं था कि उसे अनगिनत उंगलियों का सामना करना पड़ेगा और ईर्ष्या की झलकियां भी झेलनी पड़ेगी। कोई कल्पना कर सकता है कि यदि किसी का ऐसी नकारात्मक भावना से सामना हो तो कैसी भावनांए उभरेंगी। अथर्व ने हल्की मुस्कान के साथ हंसते हुए कहा,
"बेशक मैं घोड़े पर सवार होकर जाउंगा, आपको मेरी चिंता करने की जरूरत नहीं है दादा जी आर्या कुलीन हो सकती है लेकिन उनका हमारे चुरू परिवार की बहू बनना पहले से ही तय है। मैं खुले तौर पर उसके घर गरिमा और सम्मान के साथ शादी करूंगा तांकि हमें बदनामी ना झेलनी पड़े।"
हरीन ने कभी नहीं सोचा था कि उसका पोता ऐसी बात कहेगा। और इसी के साथ उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ गई और धीरे से सिर हिलाया।
उसके बाद वो कमरे से बाहर चला गया और दरवाजा बंद कर दिया।
उसके बाहर जाते ही सारिका अथर्व के सामने खड़ी हो गई और अपने ओंठ सिकोड़ लिए और अजीब सा मुंह बनाते हुई बोली,
"तो आप शादी के उत्साह के कारण बेहोश हो गये थे और मैं बेकार में ही तुम्हारी चिंता कर रही थी। तुम आर्या से इतनी बार मिले भी नहीं हो और पहले से ही उसके इतने दीवाने हो.... ओह ठीक है, वह हमारे तियान सिटी की नंबर एक सुंदरता जो है, हुह!"
सरिका की बात सुनकर अथर्व ने अपने हाथ हिलाए और बोला, यह कैसे सम्भव है माना कि आर्या काफी सुंदर है लेकिन मुझे लगता है कि छोटी चाची ज्यादा सुदर है। अगर मे सच में उसकी वजह से बेहोश हुआ होता तो, मैं इस जीवन में न जाने कितनी बार बेहोश हुआ होता, क्योकि छोटी चाची तो हर दिन मेरे साथ होती है।"
"हे हे... सारिका के चेहरे पर तुरंत एक मीठी मुस्कान आ गई और वह खिलखिला उठी, और बोली'
"तुम जानते हो कि मुझे कैसे खुश करना है। वैसे यह ठीक भी है कि अगर तुम आर्या से शादी करने की जल्दी में बेहोश हुए हो, क्योंकि आर्या है ही इतनी खूबसूरत ओर प्रतिभाशाली कि बहुत सारे लोग उससे शादी करने का सपना देखते हैं लकिन अंत में वो मेरे परिवार के अथर्व से शादी करने जा रही है।"
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और पुराने गृहस्वामी हितेश की आवाज आई,
"युवा मास्टर अब अपनी दुल्हन से मिलने जाने का समय हो गया है।"
सारिका ने एक नजर अथर्व के कपड़ों पर डाली और अचानक चिंतित होकर बोली'
"अंकल हितेश थोड़ी देर रूकिये हम अभी आए।"
वह अथर्व के सामने चली गई और उसके कपड़ों को ठीक करते हुए बोली'
"यह पोशाक पहनना काफी कठिन है। पहले की घटनाओं के कारण आपके कपड़े अस्त व्यस्त हो गये हैं, मैं इन्हें अभी ठीक कर देती हूं।"
बर्फ जैसे सफेद नाजुक हाथों की एक जोड़ी ने जल्दी से काम शुरू किया और उसके को काॅलर ठीक किया और उसकी ढीली बेल्ट को दोबारा से बांध दिया। सारिका की हरकतें कुछ अजीब थी जिन पर अथर्व ने सावधानी पूर्वक ध्यान दिया और धीरे से सारिका की ओर देखा जिससे उसकी आंखे धुंधली हो गईं।
आज वह आर्या से शादी करने जा रहा था लेकिन वो जानता था कि आर्या उससे शादी नहीं कर रही थी क्योंकि वो अथर्व से वास्तव में सच्चा प्यार नहीं करती थी। यदि यह उनके पिता अधीर और प्रताप के बीच हुए समझौते की बात नहीं होती तो शायद आर्या, अथर्व की ओर एक नजर देखने की जहमत भी नहीं उठाती। इस दुनिया में एकमात्र लोग जो अथर्व के प्रति दयालु थे वे उसके दादा हरीन और उसकी छोटी चाची सारिका थे।
अपने शुरूवाती बचपन के दौरान, सारिका अथर्व से चुम्बक की तरह चिपक कर रहती थी वो जहां भी जाता वो उसके पीछे पीछे जाती थी और उसे सारिका से एक पल के लिए भी पीछा छुड़ाना भी कठिन था। यदि सारिका उसे कुछ समय के लिए नहीं देखती तो जोर जोर से रोने लगती। हालांकि जब अथर्व दस साल का हो गया और उसकी क्षतिग्रस्त मिस्टिक वेन्स के बारे में पता चला तो सारिका रातों रात बड़ी हो गई। वह मिस्टिक वेन्स के टूटने के परिणामों को जानती थी और फिर वह अपनी पहचान की अवधारण उसकी छोटी चाची के रूप में समझने लगी थी। उसने कमजोर अथर्व के जीवन रक्षा के लिए कठिन तरीकों से प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
उसके पुर्नजन्म के बाद अथर्व ने महसूस किया कि सारिका के साथ बिताया गया समय जितना शानदार था उतना ही कीमती भी था।
हालांकि आर्या उसकी पत्नि बनने बाली थी, लेकिन, वह केवल आकाश के उस चंद्रमा की तरह होगी जिसे केवल देखा जा सकता है लेकिन छुआ नहीं जा सकता।
अगर मैं छोटी चाची जैसी लड़की से शादी करता हूं तो यह सही होगा। ,.,.. इस तरह के विचार अथर्व के मन में अनियंत्रित रूप से उभर आये।