the return of tiger episode 625 , 626 , 627 , 628 , 629 , 630 , 631 , 632 , 633 , 634

The return of tiger
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⭐ The Return of Tiger – Episodes 625–635

🌌 “भाई से भाई की जंग”


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Episode 625 – छिपा हुआ चेहरा

जंगल में युद्ध का शोर गूँज रहा था। टाइगर अपनी सेना के साथ बहादुरी से लड़ रहा था। तभी अचानक एक नकाबपोश योद्धा उसके सामने आया। उसकी चाल, उसकी ताक़त, यहाँ तक कि उसकी दहाड़ भी टाइगर जैसी थी।

लंबी भिड़ंत के बाद जब उसका नकाब गिरा, तो सब स्तब्ध रह गए।
टाइगर के पैरों तले ज़मीन खिसक गई—
वो उसका भाई अर्जुन था!

अर्जुन ने तलवार उठाकर कहा –
"तुझे देखकर लग रहा है कि मेरी ज़िंदगी की सारी तकलीफों का कारण तू ही है, टाइगर। आज से हम दुश्मन हैं।"


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Episode 626 – खून का रिश्ता या जंग का रिश्ता

अर्जुन पूरे जंगल के सामने बोला –
"मैं असली वारिस हूँ। टाइगर झूठा राजा है। जिसने मुझे बचपन में छोड़ दिया, वो जंगल का रक्षक नहीं हो सकता।"

कुछ जानवर अर्जुन की बातों से प्रभावित होकर उसकी तरफ चले गए।
टाइगर का दिल टूटा, लेकिन उसने गरजकर कहा –
"तू चाहे मेरा खून हो, पर जंगल को तेरी लालच का गुलाम नहीं बनने दूँगा।"


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Episode 627 – दोनों सेनाओं की तैयारी

जंगल अब दो हिस्सों में बँट चुका था।
टाइगर अपनी सेना के साथ योजना बना रहा था।
वहीं अर्जुन और कालसिंह एक गुप्त स्थान पर प्राचीन हथियारों की खोज में लगे थे।

एक बुज़ुर्ग साधु ने टाइगर से कहा –
"अगर अर्जुन वो हथियार पा गया, तो पूरा जंगल नष्ट हो जाएगा।"


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Episode 628 – गद्दार कौन?

टाइगर को पता चला कि उसकी ही सेना में कोई गद्दार है।
रात में उसने देखा—उसका करीबी साथी सफ़ेद भेड़िया अर्जुन से गुपचुप मिल रहा है।

टाइगर ने गरजते हुए कहा –
"भेड़िये! तू मेरे साथ था या दुश्मनों के साथ?"

भेड़िया चुप रहा, उसकी आँखों में आँसू थे।


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Episode 629 – जंगल का फैसला

जंगल के बुज़ुर्ग जानवरों ने एक सभा बुलाई।
बड़े हाथी ने कहा –
"सिंहासन का हक़ उस पर है जो जंगल का दिल जीते, न कि उस पर जो तलवार से जीत ले।"

सभा का फैसला था—दोनों भाइयों को अपनी सच्चाई और ताक़त साबित करनी होगी।
लेकिन अर्जुन ने चाल चली और उसी रात टाइगर पर हमला करवा दिया।


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Episode 630 – अर्जुन की चाल

सभा में अचानक कालसिंह और अर्जुन के सैनिकों ने हमला कर दिया।
अराजकता फैल गई।
टाइगर ने अपनी जान पर खेलकर नन्हें हिरण और पंछियों को बचाया।

ये देखकर कई जानवरों के दिल अर्जुन से हटकर फिर टाइगर की तरफ़ आ गए।
काला चीता बोला –
"यही है असली राजा… जो दूसरों की रक्षा के लिए अपनी जान दाँव पर लगा दे।"


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Episode 631 – गद्दार का सच

टाइगर ने सफ़ेद भेड़िये से सच्चाई पूछी।
भेड़िया रो पड़ा और बोला –
"अर्जुन ने मेरे बच्चों को कैद कर रखा है। मजबूरी में मुझे उसके लिए जासूसी करनी पड़ी।"

टाइगर ने उसकी आँखों में देखा और कहा –
"अगर तेरे इरादे साफ़ हैं तो तेरा अपराध माफ़ है। अब हम मिलकर तेरे बच्चों को आज़ाद कराएँगे।"


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Episode 632 – बंधकों की मुक्ति

रात के अंधेरे में टाइगर और उसकी टीम अर्जुन के कैम्प में घुसे।
भीषण युद्ध हुआ।
काला चीता, बुज़ुर्ग भालू और बाज़ ने बहादुरी से लड़ाई की।

आख़िरकार टाइगर ने अर्जुन के पहरेदारों को हराकर भेड़िये के बच्चों को छुड़ा लिया।
यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई।
अब सभी जानवरों का भरोसा पूरी तरह से टाइगर पर लौट आया।


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Episode 633 – आखिरी जंग की शुरुआत

जंगल का आसमान लाल हो गया।
अर्जुन और कालसिंह की सेना ने अंतिम हमला किया।
टाइगर अपनी पूरी सेना के साथ सीमा पर खड़ा था।

अर्जुन और टाइगर आमने-सामने आए।
दोनों भाइयों की दहाड़ से पूरा जंगल काँप उठा।
पहला वार अर्जुन ने किया, लेकिन टाइगर ने उसका सामना किया।
दोनों की भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि धरती हिल गई।


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Episode 634 – सच का सामना

लड़ाई के बीच अर्जुन चिल्लाया –
"मुझे बचपन में क्यों छोड़ दिया? तूने मुझे मरने के लिए क्यों छोड़ा?"

टाइगर ने रोते हुए कहा –
"मैंने तुझे कभी नहीं छोड़ा। दुश्मनों ने तुझे मुझसे छीना था। मैंने हर दिन तुझे ढूँढा है।"

अर्जुन का दिल डगमगाया, उसकी तलवार थम गई।
लेकिन तभी कालसिंह उसके कान में ज़हर घोलते हुए बोला –
"मत मान उसकी बातें, यही तेरा असली दुश्मन है।"


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Episode 635 – भाई बनाम भाई (ग्रैंड क्लाइमेक्स)

अंतिम जंग शुरू हुई।
टाइगर और अर्जुन दोनों ने पूरी ताक़त झोंक दी।
कभी टाइगर भारी पड़ा, कभी अर्जुन।

तभी कालसिंह ने मौका पाकर अर्जुन पर घातक वार करने की कोशिश की।
टाइगर ने बिना सोचे बीच में आकर वार झेल लिया।
उसके शरीर से खून बहने लगा।

अर्जुन हैरान रह गया –
"तूने… मेरी जान बचाई?"

टाइगर मुस्कुराकर बोला –
"भाई है तू… दुश्मन नहीं।"

यह सुनकर अर्जुन की आँखों से आँसू बह निकले।
उसने कालसिंह की ओर रुख किया और गरजकर कहा –
"सच्चा दुश्मन तू है!"

दोनों भाइयों ने मिलकर कालसिंह को परास्त कर दिया।
कालसिंह धराशायी हो गया और जंगल में शांति लौट आई।

अर्जुन ने झुककर कहा –
"भाई, मैं ग़लत था। तू ही असली वारिस है।"
टाइगर ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा –
"असली ताक़त गद्दी में नहीं, भाईचारे में है। अब से हम दोनों मिलकर जंगल की रक्षा करेंगे।"

पूरे जंगल में खुशी की दहाड़ गूँज उठी।
चीलें आकाश में उड़ीं, हाथियों ने बिगुल बजाया, और हर जीव ने आज़ादी का जश्न मनाया।

👉 इस तरह Episode 635 पर भाई से भाई की जंग का अंत हुआ, और जंगल में नई शुरुआत की कहानी लिखी गई।


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