Vikash kumar

the return of tiger episode 514

द रिटर्न ऑफ टाइगर – एपिसोड 514

शहर की ठंडी और शांत रात में, एक अजीब-सी खामोशी फैली हुई थी। चारों तरफ़ सन्नाटा था, लेकिन उस सन्नाटे के बीच एक परछाईं, बिजली की तरह इमारतों के बीच से फिसलती हुई आगे बढ़ रही थी। वह कोई आम इंसान नहीं था—वह था टाइगर, जिसने सालों पहले अपराध जगत को हिला कर रख दिया था और फिर रहस्यमय तरीके से गुम हो गया था। लोग समझ चुके थे कि वह मर चुका है, लेकिन सच्चाई यह थी कि टाइगर सिर्फ़ इंतज़ार कर रहा था—अपने लौटने के सही वक़्त का।

इस बार उसका मिशन पहले से भी ज़्यादा ख़तरनाक था। दुश्मन बदल चुके थे, हालात बदल चुके थे, और शहर अब एक नए अपराध सरगना—राघव शेरगिल—के कब्ज़े में था। राघव सिर्फ़ हथियारों का सौदागर नहीं था, बल्कि उसके हाथ राजनीति और पुलिस दोनों में गहरे थे। कोई भी उसके ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं करता था।

लेकिन टाइगर जानता था, अगर वह अब नहीं लौटा, तो शहर हमेशा के लिए अंधेरे में डूब जाएगा।


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शुरुआत: अंडरकवर मिशन

टाइगर ने अपनी पुरानी पहचान को छुपाकर, एक साधारण मजदूर का रूप धारण किया और राघव के गोदाम में काम पर लग गया। वह हर दिन माल ढुलाई करता, लेकिन उसकी नज़र हर मूवमेंट पर रहती। राघव के आदमियों को अंदाज़ा तक नहीं था कि उनके बीच ही एक शिकारी घूम रहा है।

तीन दिनों की निगरानी के बाद, टाइगर को एक बड़ा राज़ पता चला—राघव अगले हफ़्ते एक बड़े हथियारों का सौदा करने वाला था, जिसकी डीलिंग बंदरगाह पर होने वाली थी। यह सौदा सिर्फ़ अपराध जगत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए ख़तरा था।


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अतीत की परछाइयाँ

टाइगर के दिमाग में अतीत की तस्वीरें तैरने लगीं। कई साल पहले, राघव ही था जिसने टाइगर के छोटे भाई को मार डाला था। तब टाइगर ने बदला लेने की कसम खाई थी, लेकिन हालात ने उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। अब, किस्मत ने उसे फिर से उसी दुश्मन के सामने ला खड़ा किया था।


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पहली टक्कर

एक रात, जब टाइगर गोदाम में नक्शे देख रहा था, अचानक पीछे से एक आवाज़ आई—
"मुझे पता था, तुम वापस आओगे…"
टाइगर ने मुड़कर देखा—वह थी ज़ारा, उसकी पुरानी साथी और कभी की करीबी दोस्त, जिसे वह मरा हुआ समझ चुका था।

ज़ारा ने बताया कि वह अब राघव के गिरोह में अंडरकवर एजेंट है और सरकार के लिए काम कर रही है। दोनों को एहसास हुआ कि उनका मिशन एक ही है—राघव को गिराना। लेकिन तरीका अलग-अलग था।


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धोखे की चाल

राघव को शक हो गया था कि उसके बीच कोई गद्दार है। उसने अपने आदमियों को हुक्म दिया कि अगले सौदे से पहले, हर कामगार की जांच हो।
टाइगर को पकड़ने के लिए उसने एक फंदा बिछाया—एक नकली सौदा, जिसमें वह देखना चाहता था कि कौन पुलिस को खबर देगा।

ज़ारा ने टाइगर को चेतावनी दी, लेकिन समय कम था। टाइगर ने फैसला किया कि वह इस जाल में खुद फँसेगा, ताकि राघव का पूरा गिरोह एक साथ उसकी पकड़ में आ सके।


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क्लाइमेक्स: बंदरगाह की जंग

रात का अंधेरा, तेज़ हवा और लहरों की आवाज़—बंदरगाह पर माहौल बेहद तनावपूर्ण था। राघव अपने हथियारों के कंटेनर के साथ मौजूद था, और चारों तरफ़ बंदूकधारी गार्ड खड़े थे।

टाइगर ने चुपके से कंटेनर के पास विस्फोटक लगा दिए, ताकि अगर मामला बिगड़े, तो वह पूरे सौदे को खत्म कर सके। लेकिन तभी, राघव ने ज़ारा को पकड़ लिया और उसके सिर पर बंदूक रख दी।

"अगर तुमने एक कदम भी बढ़ाया, तो इसकी ज़िंदगी खत्म!" राघव गरजा।
टाइगर के सामने मुश्किल थी—या तो सौदा रोकना, या ज़ारा को बचाना।


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आखिरी दांव

टाइगर ने एक सेकंड में फैसला किया। उसने राघव की आंखों में देखते हुए कहा—
"मैं अपने लोगों को कभी नहीं छोड़ता…"
और अगले ही पल, उसने धुएं का बम फेंका, जिससे चारों तरफ़ धुंध फैल गई। गोलियों की बौछार शुरू हो गई।

गड़बड़ में, टाइगर ने ज़ारा को खींचकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया, फिर राघव की ओर बढ़ा। दोनों के बीच एक जोरदार हाथापाई हुई—घूंसे, लातें, चाकू के वार—सब एक साथ।

आखिरकार, टाइगर ने राघव को ज़मीन पर गिराकर हथकड़ी पहना दी, और पुलिस की सायरन की आवाज़ गूंजने लगी। विस्फोटकों से कंटेनर उड़ गया और हथियारों का सौदा हमेशा के लिए खत्म हो गया।


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अंत और अगला संकेत

सुबह होते ही, शहर में खबर फैल गई—राघव शेरगिल गिरफ्तार हो चुका है। लोग राहत की सांस लेने लगे। लेकिन टाइगर जानता था, असली खेल अभी बाकी है।

ज़ारा ने उसे एक फाइल थमाई—उसमें एक नए दुश्मन का नाम था, जो राघव से भी ज्यादा खतरनाक था।
टाइगर ने हल्की मुस्कान दी और कहा—
"शिकार अभी खत्म नहीं हुआ… ये तो बस शुरुआत है।"

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